सरोजिनी नायडू भारत के स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण शख्सियत थीं। इसके अलावा, वे एक अद्भुत कवयित्री भी थीं, जिन्हें उनकी बेहतरीन रचनाओं के लिए “भारत की नाइटिंगेल” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता करने वाली पहली महिला बनकर एक खास मुकाम हासिल किया, और स्वतंत्रता के बाद वे भारत की पहली महिला राज्यपाल बनीं।
नाम | सरोजिनी नायडू |
पिता का नाम | अघोरनाथ चट्टोपाध्याय |
माता का नाम | वरदा सुंदरी देवी |
पति का नाम | गोविंदराजू नायडू |
जन्म तिथि | 3 फरवरी, 1879 |
सरोजिनी नायडू बायोग्राफी (Sarojini Naidu Biography):
सरोजिनी नायडू भारत के स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण शख्सियत थीं। उन्हें एक प्रतिभाशाली कवियित्री के रूप में भी जाना जाता है, और उनकी खूबसूरत रचनाओं के चलते उन्हें “भारत की नाइटिंगेल” का नाम मिला। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त किया और स्वतंत्र भारत की पहली महिला राज्यपाल बनीं। नायडू ने महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और अपने लेखन और भाषणों के माध्यम से जन जागरूकता को बढ़ावा दिया।
सरोजिनी नायडू प्रारम्भिक जीवन (Sarojini Naidu Early Life and Education):
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद में हुआ। उनके पिता, अगोरेनाथ चट्टोपाध्याय, एक विद्वान और निजाम कॉलेज के प्राचार्य थे। वे एक प्रतिभाशाली छात्रा थीं और बचपन से ही लेखन के प्रति गहरी रुचि रखती थीं। सरोजिनी ने मद्रास, लंदन और कैम्ब्रिज जैसे स्थानों पर अध्ययन किया और अंग्रेजी, उर्दू, बंगाली, तेलुगु और फारसी जैसी कई भाषाएं सीखी। 1905 में, उन्होंने अपनी पहली कविता की पुस्तक “द गोल्डन थ्रेशोल्ड” प्रकाशित की।
सरोजिनी नायडू की स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका ( Sarojini Naidu in Freedom Movement):
सरोजिनी नायडू ने 1904 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर महात्मा गांधी का समर्थन किया, जो कि बहुत मजबूत था। 1930 में, उन्होंने नमक सत्याग्रह समेत कई महत्वपूर्ण स्वतंत्रता आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया, और उन्होंने 21 महीने से ज्यादा समय जेल में बिताया। 1925 में, वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इसके अलावा, उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए काम किया और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
भारत की प्रथम महिला राज्यपाल (Sarojini Naidu First Woman Governor of India):
भारत ने 1947 में स्वतंत्रता हासिल की, और इसके बाद सरोजिनी नायडू को उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल के रूप में चुना गया। उन्होंने इस पद को 2 मार्च 1949 तक संभाला, जब उनका निधन लखनऊ में हुआ।
सरोजिनी नायडू की विरासत (Sarojini Naidu Legacy):
सरोजिनी नायडू की कविताएँ अपनी खूबसूरत भाषा और गहरे अर्थ के लिए मशहूर हैं। उनकी एक प्रसिद्ध रचना, “हैदराबाद के बाजारों में”, भारत के रंगीन बाजारों का जीवंत चित्रण करती है। नायडू ने प्रेम, प्रकृति और देशभक्ति जैसे विभिन्न विषयों पर अपनी लेखनी का जादू बिखेरा। महात्मा गांधी ने उनकी काव्यकला की सराहना करते हुए उन्हें “भारत की नाइटिंगेल” का उपाधि दी।